-ज़िंदगी- Get link Facebook X Pinterest Email Other Apps July 25, 2021 गली के माेड़ पर गुलमाेहर के नीचेबारिश की बूंदाे मेंखाली पड़े झूलाें मेंबीती हुई बाताें मेंरूठी हुई रातों मेंकभी झराेखे सेकभी देहरी परबावरा सा ढूंढ़ता हूँऐ ज़िंदगी तुझे..-स्वप्न प्रिया Get link Facebook X Pinterest Email Other Apps Comments
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